What is CNC And MIS in Zerodha in Hindi ?

Zerodha में जब हम कोई शेयर खरीदते हैं तो हमे शेयर खरीदने के लिए CNC और MIS में से किसी एक विकल्प का चुनाव करना होता है.

What is CNC And MIS in Zerodha in Hindi

क्या आप जानते हैं Zerodha में CNC और MIS का क्या मतलब होता है ? और इनका इश्तेमाल आप कब और कहाँ कर सकते है ?

इस पोस्ट में मै आपको Zerodha में CNC और MIS क्या होता है ? इस बारे में बताने जा रहे हैं. अगर आप CNC और MIS के इश्तेमाल को ठीक से समझना चाहते हैं तो पोस्ट को ध्यानं से पढ़ें

Zerodha में CNC क्या है?

CNC का फुल फॉर्म होता है Cash and Carry होता है. जब हम किसी शेयर को खरीदते हैं तो यह विकल्प हमे दिखाई देता है

इस आप्शन को हम तब चुनते हैं जब हमे कोई शेयर लम्बे समय के लिए होल्ड करना होता है. यानि हम जब चाहे शेयर को बेच सकते हैं इसमें दिनों के लिए किसी भी प्रकार की लिमिट नही होती है.

आप शेयर को एक दिन, दो दिन या फिर एक साल, दो साल चाहे जितने सालों के लिए होल्ड रख सकते हो और जब जब मन आये उसको बेचकर प्रॉफिट कमा सकते हो.

CNC में मार्जिन

CNC में आपको शेयर खरीदने के लिए कोई भी मार्जिन नही मिलता है. यानि अगर किसी कंपनी के एक शेयर की कीमत 1000 रूपए है तो वो आपको 1000 रूपए में ही मिलेगा .

CNC में शेयर का प्राइस वही रहता है और उसी प्राइस में हम शेयर खरीदते हैं. अगर शेयर महंगा तो ज्यादा मात्रा में शेयर खरीदने के लिए ज्यादा पैसे लगाने होंगे

इन्वेस्टमेंट

जब हम CNC में किसी शेयर को खरीदते हैं और होल्ड करते हैं तो इसे हम लोग इन्वेस्टमेंट कहते हैं इसमें आप शेयर को कितने भी टाइम के लिए होल्ड रख सकते हो.

अगर आप किसी शेयर को 1 साल से ज्यादा के लिए होल्ड रखते तो टैक्स भी कम देना पड़ता है. इन्वेस्टमेंट में हमे ट्रेडिंग की तुलना नुकसान की सम्भावना कम रहती है क्योंकि इसकी कोई एक्सपायरी डेट नही होती

इसमें आप लम्बे समय तक शेयर को होल्ड रख सकते हो और जब भी आपको जब भी प्रॉफिट होने लगे तब आप शेयर को बेच कर अपना प्रॉफिट बुक कर सकते हो.

Charges – Share को CNC में होल्ड करने पर ब्रोकरेज चार्ज जीरो यानि 0 रूपए देना होता है. ब्रोकरेज के अलावा STT, TXN, DP, GST, SEBI, STAMP Duty जैसे charges देने होते हैं.

Zerodha में MIS क्या है?

MIS का फुल फॉर्म Margin Intraday Square Off है. MIS विकल्प इंट्राडे ट्रेडिंग और आप्शन ट्रेडिंग के दौरान इश्तेमाल होता है.

ट्रेडिंग के दौरान जब हम इस विकल्प को चुनते हैं तो इसका मतलब होता है की हम शेयर को सिर्फ एक दिन के लिए ही होल्ड कर सकते हैं.

एक दिन को होल्ड करने का मतलब उस दिन जब मार्किट बंद होने का समय होता है जो की 3:15 PM होता है. सिर्फ उस वक़्त तक शेयर को होल्ड रख सकते हो.

इसके बाद अगर आपने शेयर को नही बेचा तो आपका ब्रोकरेज आपका शेयर खुद ही बेच देगा. MIS में शेयर खरीदने के लिए मार्जिन भी मिलता है.

MIS में मार्जिन

मार्जिन का मतलब आपको शेयर कम कीमत पर मिलता है. Zerodha में 5x मार्जिन मिलता है. इसका मतलब अगर एक शेयर की कीमत 1000 रूपए है तो वो आपको 200 रूपए में ही मिल जायेगा.

इसी तरह किसी और शेयर की कीमत अगर 600 रूपए है तो 5x मार्जिन मिलने की वजह से वो आपको 120 रूपए में ही मिल जायेगा.

शेयर का प्राइस कम होने से हम कम पैसे में ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं और इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकते हैं. उम्मीद है आप समझ गये होंगे की MIS का प्रयोग हम intraday ट्रेडिंग के लिए करते हैं.

आप्शन ट्रेडिंग में MIS

इसके अलावा अगर आप आप्शन ट्रेडिंग करते है तो उसमे भी MIS का विकल्प दिया होता है. शेयर खरीदते समय MIS आप्शन का चुनाव करते हैं तो इसका मतलब भी यही है की आप अगले दिन के लिए शेयर को होल्ड नही कर सकते है.

यानि उस दिन मार्किट के बंद होने तक ही आप शेयर को होल्ड रख सकते हो. नही तो मार्किट के बंद होने के बाद आपका ब्रोकरेज आपका शेयर बेच देगा.

Charges Intraday equity – Intraday equity में ट्रेडिंग करने पर ब्रोकरेज 0.03% या फिर 20 रूपए, दोनों में से जो भी कम होगा वो चार्ज लिया जायेगा.

ब्रोकरेज के अलावा STT, TXN, DP, GST, SEBI, STAMP Duty जैसे charges देने होते हैं. Intraday Trading में ब्रोकरेज की गणना और Charges को विस्तार से समझने के लिए आप नीचे दी हुई पोस्ट को पढ़ सकते हैं.

उम्मीद करता हूँ आपको What is CNC And MIS in Zerodha in Hindi पर लिखी यह पोस्ट पोस्ट में दी हुई जानकारी अच्छे सी समझ आ गयी होगी. इसी तरह की पोस्ट को पढने के लिए ब्लॉग पर विजिट करते रहें.